कुचाई के छोटाबाण्ड्री मे किसानों के साथ विधायक
ने की बैठक, झारखंड में अफीम खेती पर है प्रतिबंध, किसान
अधिक से अधिक बैध फसलों पर दे ध्यान-गागराई,
kuchai कुचाई प्रखंड कं अंतर्गत छोटाबाण्ड्री गांव के सौऊड़ीगोड़ा मैदान में खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने किसानों के साथ बैठक की गई। इस बैठक की अध्यक्षता आशोक मानकी और संचालन बनवारीलाल सोय के द्वारा किया गया। बैठक में लगभग 25 गांव के किसानों ने अपनी अपनी बात रखते हुए कहा कि पापी पेट के लिए बहुत सारे काम किसान जानबूझकर भी विधिविरुद्ध किये जाते है। साथ ही अज्ञानता के कारण भी अबैध कृत्यों का भी कार्यान्वयन की जाती है। अर्थात् किसानों का संकेत अफिम खेती की ओर था। किसानों की बातो को ध्यानपूर्वक सुन्ने के बाद श्री गागराई ने कहा कि कभी-कभी समस्याएँ भी आती है। जिससे विचलित नहीं होना है। अधिक से अधिक बैध फसलों पर ध्यान दिया जाये। अज्ञानतावश प्रतिबंधित उत्पादों का खेती किया जा रहा था। लेकिन प्रसाशन ने विधिसम्मत कर्रवाई किया। अफिम खेती प्रतिबंध है। खेती के लिए अनुज्ञा लिया जाना होता है। लेकिन झारखंड में अफीम खेती प्रतिबंध है। सरकारी योजनाओं से लाभ पाने के लिये एक प्रतिनिधि मंडल कस गठन कर प्रसाशन के साथ वार्ता किया जा सकता है। उन्होने कहा कि कुचाई प्रखंड में कोल्ड स्टोर निर्माण, वनोपजो के संग्रहण के लिये गोदाम, सिंचाई के लिये चेक डैम तथा सब्जी बाजार के लिये शेड निर्माण के लिये भी प्रयास करुगा। विधायक ने जानकारी दिया कि सरकार ने एफआरए 2006 के धारा 3 (1) (ग) के तहत केंदु पत्ता जैसे वनोपजो तथा अन्यन्य सामुदायिक वन संसाधनों पर संरक्षण पुनुरुज्जीवित और प्रबंधन करने का अधिकार ग्राम सभाओं को दे दिया है। अधिनियम 2006 के नियम 2008 के संशोधित नियम 2012 के नियम नियम 2 (3) पर उपबांधितानुसार केंदु पत्ता संग्रहण मुप्त यानी फ्री कर दिया गया है। अतः सरकार कुचाई प्रखंड अन्तर्गत एक बड़ा गोदाम भी निर्माण के लिये प्रयास करे।
किसानों के समस्याओ के निराकरण पर बिफल सरकार
कुचाई के किसानें बड़ी अफसोस के साथ कहा कि राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार किसानों के समस्याओ को निराकरण करने में बिफल रही है। जिसके कारण आज किसान अफिम खेती कर रहे है। सरकार छोटे किसानों के लिये लघु जलाशय, कोल्ड स्टोर, डीप बोरिंग, सिंचाई कुओ तथा नहर जैसे संसाधनों का व्यवस्था पर ध्यान नही दे रही है। किसानो ने यह भी कहा कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिये सारे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन गरीब किसानों की समस्याओ पर क्यों नजर नहीं जा रहा है।
मामला दर्ज करना समस्या का निदान नही है-सोहन
सामुदायिक वनपालन संस्थान के सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि किसान जाकरूकता कमी के कारण किसाान परेशान है। केवल प्रथामिकी दर्ज कर गरीब किसानों को जेल भेज देने से ही समस्याओ का निदान हो जाएगा। किसानों को समझ आने लगा है कि अफीम खेती अवैध है। जागरुकता से रोका जा सकता है। उन्होने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सभी प्रखंडों में बाजार की व्यवस्था सुनिश्चत किया जाये। ताकि किसान वैध फसलों को खेती करे और उपयुक्त बाजारों में समय पर बिक्रय कर उचित लाभ पा सके।
किसानों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करे-भरत
भरत सिंह मुंडा ने कहा कि यदि किसानों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया जाता है। तो भविष्य में जंगल काटाई अधिक होगी तथा जलवायु परिपर्तन कफी तेजी के साथ उथल-पुथल होगी। जलवायुपरिवर्तन से सबसे अधिक शहरी क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा। इस लिए किसानों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था सरकार करे। आशोक मानकी ने कहा कि किसानों ने प्रसाशन के सुझावनुसार अवैध फसलों को नष्ट किये। अतः किसानों के मांगो पर भी ध्यान दिया जाये।
ये थै मौजूद
खरसावां विधायक दशरथ गागराई, आशोक मानकी, सोहन लाल कुम्हार, भरत सिंह मुंडा, बनवारीलाल सोय, तुलसी मुंडा, गोपाल सिंह मुंडा, नोरेश मुंडा, कारु मुंडा, श्यामलाल मुंडा, रसाय मुंडा, गोमेया मुंडा, मोहन लाल मुंडा, मानकी सुखराम मुंडा, गोपीनाथ मुंडा, गणेश भूमिज, धर्मेन्दर सिंह मुंडा, मुन्ना सोय, लखीराम सिंह मुंडा, सुरेश सोय, पेंडेय मुंडा, गोपी सोय, अनिल मुंडा, हरिनाथ सोय, सागर गागराई, कारु मुंडा आदि किसान मौजूद थे।