खरसावां में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा
पर उमड़े श्रद्वालुओ को कराया भक्ति के मार्ग से रू-ब-रू,
भक्ति मार्ग बदलता है मनुष्य का जीवन-दिव्यांशी
kharsawan खरसावां पंचायत भवन प्रांगण में श्री रामकृष्ण कथा कमिटि बेहरासाई के द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा पर श्रद्वालुओ की भीड उमड पडी। श्रीराम कथा के कथावाचक दीदी दिव्यांशी ने भक्ति के मार्ग और रामायण की कथा से रू-ब-रू कराते हुए भक्ति के मार्ग को अपनाने की अपील की। कथावाचक दीदी दिव्यांशी ने कहा कि भक्ति मार्ग बदलता है मनुष्य का जीवन। निष्काम भक्ति ही मनुष्य के जीवन को भव सागर से पार उतर सकती है। शरीर नश्वर है, आत्मा अमर होती है। इंसान को धर्म के मार्ग पर चलकर निष्ठा से कर्म करना चाहिए। किए हुए कर्माे का फल प्रभु अवश्य प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म के बल पर इंसान स्वतरू ही परोपकारी बन जाता है और भक्ति डगर उसका मार्ग हो जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य इस देह को प्राप्त कर प्रभु के नाम का सुमिरन कर प्रभु को पाकर चौरासी लाख योनियों से मुक्त हो सकता है। आज मनुष्य के मन पर मोह-माया का प्रभाव होने के कारण वह संतों-महापुरुषों की वाणियों की और ध्यान ही नहीं देता है, जबकि हमारे समस्त धार्मिक ग्रंथों में मनुष्य का इस धरा पर आने का मुख्य लक्ष्य प्रभु को पाना ही है।
दिव्यांशी ने कहा कि मनुष्य धार्मिक स्थानों पर तो जाता है, परंतु धार्मिक स्थलों के पीछे छुपे गुढ़ तम अध्यात्मिक रहस्यों से वह अनभिज्ञ है। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में साफ लिखा है कि जब तक ईश्वर के प्रकाश रूप के दर्शन नहीं होंगे तब तक भक्ति की शुरूआत नहीं हो सकती और ईश्वर के प्रकाश रूप के दर्शन के लिए मनुष्य को गुरु की शरण में जाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैसे इंसान भक्ति के मार्ग को अपना सकता है। आज कल के बच्चे भक्ति मार्ग पर ध्यान नहीं दिया जाता है। आज कल के बच्चों को भगवान की सेवा और भक्ति करनी चाहिए। दिव्यांशी दीदी ने कथा की शुरुआत करते हुए बताया कि भगवान शिव ने माता पार्वती को सती के रूप का याद दिलाने के लिए रामायण की कथा सुनाया था। इस दौरान मुख्य रूप से गोपाल ज्योतिषी, अभिलाष ज्योतिषी, मदन नापित, सौरव ज्योतिषी, आदर्श मिश्रा, शैलेस सिंह, पंकज तिवारी, चंदन महतो, प्रकाश बारिक, बिकाश बारिक, बिकू बारिक, अजय बारिक, महादेव मोडक, सूरज बारिक, संदीप साहू, प्रीतम मोदक, बंटी साहू आदि उपस्थित थे।