कुचाई के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र के काण्डेरांगो मे खुली आसमान के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर स्कूली बच्चे, बुनियादी सुविधा के बिना बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर पड रहा प्रतिकूल प्रभाव, पहली बार पहुंचे डीएसई,
Kuchai कुचाई प्रखंड के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र के गोमियाडीह पंचायत के काण्डेरांगो मैं भवन के बिना संचालित स्कूल मे खुली आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर स्कूली बच्चे पढ़ने को मजबूर है। यह विद्यालय जो बिल्कुल हिल टॉप पर है। साथ ही चारों ओर पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है। इस अतिदुर्गम क्षेत्र में विद्यालय भवन नहीं रहने के कारण बच्चे खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है। कोई बुनियादी सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता रहा है। परंतु जिला प्रशासन एवं स्थानीय मुखिया मंगल सिंह मुंडा के प्रयास से इस दुर्गम क्षेत्र में भी पहली बार विद्यालय भवन लगभग बनकर तैयार हो गया है । कुछ माह पूर्व इस क्षेत्र में उपायुक्त द्वारा क्षेत्र भ्रमण करते हुए यहां के लोगों की समस्याएं सुनी गई। इसी प्रकार पहली बार किसी जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा के द्वारा इस दुर्गम क्षेत्र का भ्रमण करते हुए यहां शैक्षणिक माहौल लाने के लिए विद्यालय का जायजा लिया गया एवं पोषक क्षेत्र के अभिभावकों से मिलकर बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया गया।
विद्यालय को गोद लेने एवं हर प्रकार से यथासंभव सहयोग करने की बात कही गई। इस विद्यालय के शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि बच्चों के हेल्थ एंड हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया जाय। साथ ही इनकी स्वच्छता पर फोकस हो । उन्हें प्रतिदिन सही तरीके से मिड डे मील मिले। इसके लिए उन्होंने ग्रामीणों के साथ बातचीत की। पोषक क्षेत्र के सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा इस तरह के दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों की बुनियादी समस्याओं से अवगत होकर जमीनी स्तर पर उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही जो भी शिक्षा और समाज के लिए समर्पित लोग हैं। उनसे संपर्क करते हुए ऐसे विद्यालयों के लिए अतिरिक्त फंड देकर विद्यालय विकास के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसकी पहल वह स्वयं एवं उनके कार्यालय के कर्मी करेंगे। वही स्टेट रिसोर्स ग्रुप के तरुण कुमार सिंह ने कहा कि किसी जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा पहली बार इस विद्यालय के लिए सकारात्मक पहल करना सराहनीय है। ऐसे विद्यालयों को गोद लेकर सहयोग करना स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा वो स्वयं यथासंभव आर्थिक सहयोग करेंगे। इस दौरान मुख्य रूप से जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा, आनंद गोप, जिदन लोमगा, तरुण कुमार सिंह, पंचू मार्डी, कमलाकांत सिंह मुंडा आदि थे।