खरसावां के सूदूरवर्ती क्षेत्र में गुरूकुल ने मनाई स्वामी विवेकानंद की जयंती, बच्चे भविष्य की नींव है उन्हें बचपन से अच्छे संस्कार देना जरूरी-गजेन्द्र,
Kharsawan खरसावां के सूदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में स्वामी विवेकानंद की जयंती गुरुकुल के द्वारा मनाई गई। स्वामी विवेकानंद की चित्र पर माल्यार्पण कर उनके जीवन चरित्र पर चलने का संकल्प लिया। उनके विचारों को जीवन में उतारने का आह्वान किया गया। इस दौरान गुरुकुल के निदेशक गजेन्द्र नाथ चौहान ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी घटनाए बताई। उन्होंने कहा कि बच्चे भविष्य की नींव होते है। उन्हें बचपन से अच्छे संस्कार देना जरूरी है। इस कार्यक्रम में बच्चों को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने की शिक्षा दी गई है। श्री चौहान ने कहा विवेकानंद कहते थे कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए। इसे सभी को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। स्वामी विवेकानंद समाज के सुधार के लिए शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे और चरित्र-निर्माण और मूल्य-आधारित शिक्षा के महत्व पर जोर देते थे। अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से उन्होंने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया और भारत की सांस्कृतिक औरर आध्यात्मिक पहचान को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान बच्चों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसमें अनेक बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में विजेता सभी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान शिक्षक उमेश उरांव ,अनामिका मुखी, रोशनी उरांव, मोनिका उरांव सहित अनेक बच्चे उपस्थित थे।