सीतारामडेरा में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूरों महासम्मेलन 1 मई को, प्रभुत्वादी और सामंतवादी के संयोजित षड्यंत्र के कारण मजदूर का अस्तित्व खतरे में-एस के घोषाल,
Kharsawan खरसावां पथ निरीक्षण भवन मे झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन (एटक), झारखंड श्रमिक संघ एवं झारखंड वर्कर्स यूनियन के संयुक्त रूप से एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ है कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ, नया चार श्रम कोड के खिलाफ तथा 1991 ई० में नई आर्थिक नीतियों की शुरुआत की गई थी, उसके खिलाफ व्यापक आन्दोलन की शुरुआत के लिए एक मई अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों का एक महा सम्मेलन आदिवासी एसोसिएशन हॉल सीतारामडेरा जमशेदपुर में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी उपस्थित होंगे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के अध्यक्ष एस के घोषाल ने कहा कि झारखंड के खदानों और खनिज संपदा की लूट हो रही है। जंगलों की अवैध कटाई हो रही है। साथ ही मजदूर कानून को संयोजित षड्यंत्र के तहत खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी और मूलवासी के साथ-साथ मजदूरों का अस्तित्व खतरे में है। कोल्हान एक विल्किंसन रूल एरिया है। प्रभुत्वादी और सामंतवादी के संयुक्त संयोजित षड्यंत्र के तहत कोल्हान के मजदूर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है । इस एरिया के 20 प्रतिशत प्रभुत्वादी और सामंतवादी के मजदूर झारखंड के 80 प्रतिशत आदिवासी और मूलवासी मजदूर के सीएसआर को खत्म कर रहा है। सीएसआर को मिलने वाला अधिकार झारखंडी मजदूरों को नहीं मिल रहा है।
हम सम्मेलन के माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार से मुख्य मांगे,
1. केन्द्र सरकार झारखण्ड सरकार को उसका बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रॉयल्टी जो मजदूरों की गाढ़ी कमाई का हिस्सा है, को अविलम्ब दे।
2. मजदूरों के हक अधिकार की रक्षा के लिए झारखण्ड सरकार श्रम आयोग का गठन करे, जिससे श्रमिकों को सही न्याय मिल सके क्योंकि झारखण्ड एक पाँचवी अनुसूची वाला क्षेत्र है।
3. केन्द्र सरकार सीमेंट वेज, स्टील वेज, ऑटोमोबाईल वेज, मंझोले इंजीनियरिंगसमेत अन्य वेज बोर्ड के निर्णयों को कार्यान्वित करे।
4. केन्द्र सरकार 4 श्रम कोड को मजदूरों के हित में निरस्त करें और 44 श्रम कानूनों को जारी रखे।
5. लगातार व स्थायी कार्यों को ठेका के माध्यम से करवाना गैरकानूनी घोषित करो।
6. घरेलू कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाकर एक विशेष श्रम कानून बनाया जाये।
प्रेस वार्ता में झारखण्ड असंगठित मजदूर यूनियन के अध्यक्ष एस के घोषाल, झारखण्ड श्रमिक संघ केन्द्रीय संयुक्त महासचिव शैलेन्द्र मैथी, झारखण्ड वर्कर्स यूनियन केन्द्रीय महासचिव ओम प्रकाश सिंह, साजिद अंसारी आदि उपस्थित थे।