खरसावां के मनुटोला में आंधी-तुफान से सड़क पर गिरे बरगत पेड हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खरसावां-रंडगाव मार्ग को दो घंटे रखा जाम, पेड़ हटाने के आश्वासन पर हटा जाम,
kharsawan खरसावां शहरी क्षेत्र के मनुटोला में आंधी-तुफान से विगत दस दिनों पहले सड़क पर गिरे बरगत पेड़ को हटाने की मांग पर आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मौर्चा खोलते हुए खरसावां-रंडगाव और खरसावां-सीनी मुख्य मार्ग को दो घंटे तक जाम कर दिया। साथ ही सरकार, प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सड़क जाम करने की सूचना पाकर खरसावां प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी, खरसावां मुखिया सुनिता तापे और स्थानीय पुलिस दलबल के साथ पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीप्यो को समझाने का प्रयास करने लगे। स्थानीय मुखिया के द्वारा सड़क पर गिरे बरगत पेड़ को हटाने की आश्वासन पर आक्रोशित ग्रामीण शांत हुए।
इसके लगभग दो घंटे तक जाम रखने के बाद खरसावां-रंडगाव और खरसावां-सीनी मुख्य मार्ग के मनुटोला चौक से जाम हटाया गया। खरसावां शहरी क्षेत्र के मनुटोला चौक को जाम रखने से खरसावां-रंडगाव और खरसावां-सीनी मुख्य मार्ग पर आवागमन करने वाले वाहनों, मुसाफिरो और राहगिरों का दो घंटे तक जाम में फसें रहना पडा। इस दौरान उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिससे ग्रामीणों का गुस्सा लगातार बढ़ने लगा था। गुरुवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्थानीय मुखिया को अपनी समस्याएं सुनने के बाद भी समाधान के क्षेत्र में कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। उसके बाद ग्रामीणों ने खरसावां रड़गांव और खरसावां सीनी मुख्य सडक के खरसावां के मनुटोला चौक पर गुरुवार सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक सड़क को जाम कर आंदोलन करने लगे। स्थानीय मुखिया के द्वारा पेड़ को हटाए जाने की आश्वासन देने पर लगभग 2 घंटे के बाद सड़क जाम को हटा दिया गया। बता दे कि विगत 13 मई 2025 को दोपहर करीब 3 बजे के बाद अचानक तेज हवाओं के साथ आधी तुफान शुरू हो गया। बादलों का साम्राज्य हो गया और आंधी तूफान चलने लगा। काफी तेज हवा थी। लगभग 60 से 65 किलोमीटर की रफ्तार से चली आंधी तूफान ने कई जगह तबाही ला दी। कई जगहों पर बिजली के खंभे और पेड़ गिर गये। आंधी तूफान से खरसावां पथ निरीक्षण भवन परिसर में स्थित लगभग 80 साल पुरानी इडली पटास पेड़ टूटकर खरसावां के बेहरासाई निवासी अतुल पुष्टि के खपरैल मकान पर जाकर गिरा। जबकि खरसावां के मनुटोला में वर्षो पुरानी बरगत का पेड सडक और भुगनों दास के चार दिवारी पर गिरने से हरिजन बस्ती के लोगों का आवाजाही बंद विगत दस दिनों से बंद हो गया था। सड़क पर आवागमन नहीं होने से ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा था। एक तरफ पानी की समस्या से ग्रामीण जूझ रहे थे। दूसरी ओर आवागमन में परेशानी से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। सड़क पर गिरे बरगद के पेड़ को बार-बार हटाने की मौखिक मांग कर करते रहे। लेकिन किसी भी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने उनके मांगों को ध्यान में नहीं दिया। जिससे ग्रामीणों का गुस्सा लगातार बढ़ने लगा था। इसके बाद ग्रामीणों की अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरकर सड़क जाम कर आंदोलन करने लगे। इस आंदोलन में मुख्य रूप से सुधा मुखी, पूर्णिमा मुखी, मालती मुखी, मुनमुन महतो, जितेन महतो, शंभू मुखी, महेंद्र नायक, बीरची मुखी, सावित्री मुखी आदि उपस्थित थे।