खूंटपानी के बासाहातु में ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरु की गला रेतकर नृशंस हत्या का खुलासा, दो अभियुक्त गिरफ्तार, पिस्टल, चाकू, मोटरसाइकिल सहित कई सामान बरामद, बदले की भावना बनी हत्या का कारण.
Khutpani खूंटपानी के पाण्ड्राशाली ओपी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गम्हरिया के समीप बासाहातु के 32 वर्षीय ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरु की गला रेतकर की गई। हत्या की गुत्थी को पुलिस ने मात्र कुछ ही दिनों में सुलझा लिया है। घटना दिनांक 11-12 मई 2025 की रात्रि की है। जब अज्ञात अपराधियों ने मंजीत की हत्या कर दी थी। मृतक के भाई शेखर हाईबुरु द्वारा 12 मई को थाना में कांड संख्या-76/25, धारा 103 (1) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कराया गया था।
दो हत्यारोपी चढ़े पुलिस के हत्थे
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक, प. सिंहभूम, चाईबासा ने विशेष छापामारी दल का गठन किया। इस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 18 मई 2025 को हत्या में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं गंगाराम तियु (उम्र 30 वर्ष), पिता-मिश्रीलाल तियु, ग्राम – दोपाई एवं नागुरी तियु (उम्र 35 वर्ष), पति स्व. बागुन तियु, ग्राम-सुपलसाई शामिल है। दोनों अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में हत्या की योजना और क्रियान्वयन की पूरी कहानी कबूल की।
बदले की आग में सुलगती रंजिश बनी हत्या का कारण
पूछताछ में सामने आया कि गंगाराम तियु के चाचा बागुन तियु की जनवरी 2025 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उस समय गंगाराम बंगलौर में काम करता था। गांव लौटने पर उसे जानकारी मिली कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि साजिशन हत्या थी और इसमें मंजीत हाईबुरु का अप्रत्यक्ष हाथ था। मंजीत द्वारा भूमि विवाद में गंगाराम के विरोधियों का साथ देने के कारण उसे चाचा की मौत का जिम्मेदार माना गया।
हत्या की सोची-समझी साजिशः चाची की मदद से खरीदी पिस्टल, बनाया प्लान
गंगाराम ने प्रतिशोध लेने के लिए अपनी चाची नागुरी तियु की मदद से पिस्टल और चाकू खरीदा। पिस्टल को हमेशा अपने साथ रखने लगा। 11 मई की रात जब वह अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था, तभी उसे पता चला कि मंजीत भी उसी महफिल में मौजूद है। बियर पीने के बाद मंजीत को घर छोड़ने के बहाने वह गम्हरिया ले गया और वहीं पिस्टल से उसके कान के पास सटाकर गोली चला दी। जब दोस्त भाग गए, तो वह अपने भाई सनातन तियु के साथ लौटकर यह देखने गया कि मंजीत जिंदा है या नहीं।
पिस्टल में फंस गई गोली, फिर चाकू से गला रेतकर की गई हत्या
पिस्टल से दोबारा फायर करने की कोशिश की गई लेकिन गोली फंस गई। इसके बाद वह अपने घर गया, वहां से चाकू और ग्लव्स लेकर लौटा और घटनास्थल पर मंजीत को जिंदा पाकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। बाद में घटना में प्रयुक्त हथियार और सामानों को छिपा दिया गया। बरामद सामानः अपराध की पुष्टि करती ठोस साक्ष्य है। गिरफ्तारी के बाद गंगाराम की निशानदेही पर पुलिस ने निम्नलिखित सामान बरामद किए हैं। जिसमे हत्या में प्रयुक्त पिस्टल दो खोखा (फायर किए गए कारतूस) चाकू, मोटरसाइकिल, घटना के समय पहने गए कपड़े और ग्लब्स बरामद किया गया।
सतर्कता और समर्पण से सुलझाई हत्या की गुत्थी
इस कार्रवाई में निम्नलिखित अधिकारियों की सराहनीय भूमिका रही है।
पु० अ० नि० मृणाल कुमार, ओपी प्रभारी, पाण्ड्राशाली
पु० अ० नि० राजकुमार भगत, पाण्ड्राशाली ओपी
स० अ० नि० सुनील कुमार यादव, पाण्ड्राशाली ओपी
स० अ० नि० जितेन्द्र कुमार, पाण्ड्राशाली ओपी
सशस्त्र बल, पाण्ड्राशाली ओपी