कुचाई मे शिक्षक सम्मान सह विदाई समारोह-2025 संर्पन्न,
सेवानिवृत्ति शिक्षको को किया सम्मानित, शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता, जीवनभर देता है शिक्षा, जितना सीखो, कम है-कैलाश मिश्रा
kuchai कुचाई प्रखंड संसाधन केन्द्र में शुक्रवार को सेवानिवृत्ति शिक्षकों का सम्मान सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोमियाडीह कुचाई के सेवानिवृत्ति शिक्षक वीरेंद्र नाथ नापित, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जेनालांग बाडेडीह के सेवानिवृत्ति शिक्षक मनोज कुमार पाणी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बांगुरडीह के सेवानिवृत्ति शिक्षक श्रीराम हो तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय रोलाहातु के सेवानिवृत्ति शिक्षक विनोद कुमार सिंह को सम्मान के साथ साथ भावभीनी विदाई दी गई।
इस विदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा, कुचाई प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी संजय कुमार जोशी आदि ने सेवानिवृत्ति शिक्षकों को बुके और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मौके पर श्री मिश्रा ने कहा कि शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता, जीवनभर देता है शिक्षा, जितना सीखो, कम है। उन्होने ने कहा कि शिक्षक की सेवा बहुत अद्वितीय होती है। कारखानों और अन्य संस्थाओं में काम करने वाले अधिकांश लोगों का संबंध निर्जीव तत्वों से होता है। लेकिन एक शिक्षक का संबंध बच्चों से होता है, जिनका मन सदैव उछलकूद करता रहता है। बच्चों के मन को काबू करके उनको शिक्षित करने का काम एक कुशल शिक्षक ही कर सकता है। सेवानिवृत्त गुरुजनों ने एक शिल्पकार की भांति बच्चों को गढ़कर देश के योग्य नागरिक बनाने का काम आजीवन किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति समर्पण के साथ-साथ इसे जीवन मंत्र बनाने के लिए शिक्षकों की सराहना की जानी चाहिए। एक शिक्षक आजीवन ज्ञान की धारा से जुड़े रहते हैं। वह कार्य से निवृत हो सकता है, लेकिन शिक्षाकार्य से कभी निवृति नहीं ले सकता है। वही श्री जोशी ने कहा कि शिक्षाविशारदों को गुरु एवं शिष्य की प्राचीन पावन परंपरा को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि विद्यार्थीगण आजीवन अपने शिक्षकों को स्मरण करें। उन्होने ने कहा कि माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका स्थान कोई नहीं ले सकता, लेकिन एक शिक्षक ही है जिसे हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता के बराबर दर्जा दिया जाता है, क्योंकि शिक्षक ही हमें समाज में रहने योग्य बनाता है। शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा जाता है। इस दौरान मुख्य रूप से जिला शिक्षा अधीक्षक कैलाश मिश्रा, बीडीओ साधुवरण देवगम, अंचल अधिकारी सुषमा सोरेन, बीईईओ संजय कुमार जोशी, बीपीओ नाथों महतो, शिवशंकर प्रधान, ललित नारायण प्रधान, सुधाकर ठाकुर, दिनेश कुमार दास, विजयता बांकिरा, उत्तम कुमार प्रधान, दीनबंधु सिंहपात्र, सुखराम कुम्हार, तरूण कुमार सिंह, भैरव चन्द्र दास, नव कुमार मंडल, मंगल सिंह बेसरा, अरविंद कुमार, विनोद कुमार सिंह, रूपेश मिश्रा, रामचरण गोराई, कुँवर सिंह लोहरा उपस्थित थे।