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- कुचाई में एसडीपीओ ने पशु तस्करी मामले का किया भंडाफोड़,
46 गोवंश पशुओं को किया जब्त, चार पशु तस्कर गिरफ्तार, क्षेत्र में लंबे समय से फलफूल रहा पशु तस्करी का कारोबार,
- कुचाई में एसडीपीओ ने पशु तस्करी मामले का किया भंडाफोड़,
- Action on cow smugglers कुचाई में पशु तस्करी का अवैध कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस पर समय-समय पर पुलिस कार्रवाई करती रही है। लेकिन अभी तक पूरी तरह से इस अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है। कुचाई में गुरूवार की रात सरायकेला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सावैया के नेतृत्व में गठित एसटीएफ ने कुचाई के कुदासाल से 46 गोवंशीय पशुओं को तस्करी के लिए ले जाने के क्रम में जब्त किया है। साथ ही कुचाई पुलिस को सौंप दिया है। इस मामले पशु खदेडने वाले चार पशु तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जब्त किए गए पशुओ तस्कर में मुख्य रूप से अनिरूद प्रधान, एनुअल और माझला नामक व्यक्ति का नाम आ रहा है। जो क्षेत्र में पशु तस्करी में सक्रिय है। हालांकि यह कार्रवाई बेहद ही गोपनीय तरीके से की गई। इसकी भनक स्थानीय पुलिस को भी लगने नहीं दिया गया। ऑपरेशन सफल होने के बाद एसटीएफ ने कुचाई थाना प्रभारी को सूचित किया और उन्हें सौंप दिया। एसडीपीओ को खबर था कि कुचाई क्षेत्र में लंबे समय से पशु तस्करी का कारोबार संचालित है। जिससे पशु तस्करी काफी फलफूल रहा था। कुचाई क्षेत्र में पशु तस्करी कई मामले सामने आए हैं। मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम जिले के सोनुवा, चक्रधरपुर, टोकलो के रास्ते से कुचाई के बांडी होते हुए और खरसावां के ग्रामीण रास्तों से ये खूंटी सीमा में प्रवेश कर राडग़ांव होते हुए पुनः सरायकेला के ईचागढ़, चौका, चांडिल और नीमडीह के रास्ते या सीधे तिरुलडीह होते हुए बंगाल में प्रवेश करते हैं। इसमें मुख्य सरगना सामने नहीं आते ग्रामीणों के बीच में ही इनका नेटवर्क होता है जो पुलिस और ग्रामीण मुखबिरों को मैनेज कर गौ तस्करी में सहयोग करता है। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ता है या मामले की लीपापोती कर दी जाती है। फिलहाल इस कार्रवाई के बाद न केवल पुलिस महकमा बल्कि तस्करों और मुखबिरों में भी हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले पर एसडीपीओ श्री सावैया ने कुचाई के कुदासाल से 46 गोवंशीय पशुओं को जब्त करने और कुछ युवको के पकडे जाने की बात कही।
- जब्त पशुओं के साथ गिरफ्तार अभियुक्त
- कुचाई थाना क्षेत्र के कुंदूसाल से पशु तस्करी के लिए ले जा रहे हैं मवेशियों के साथ चार पशु तस्कर को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान पश्चिम सिंहभूम जिला के टोकलो के लौजोड़ा निवासी टोनी बोदरा, पिता-स्व० रामो बोदरा, जेनासाई गांव निवासी राउतु सामड़, पिता-स्व० काडे सामड, टोकलो निवासी मोटु पूर्ति, पिता-स्व० गोरा पूर्ति, लौजोडा गांव के निवासी सोमाय बोदरा, पिता- स्व० रामो बोदरा के रूप में हुई है।
- बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी
गौरतलब हो कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के सोनुवा, चक्रधरपुर, टोकलो, कुचाई, खरसावां के आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पशुओं की तस्करी होती है। जिसको लेकर आये दिन पुलिस कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में पशुओं को तस्करों से मुक्त कराते रही है। इसके बावजूद पशुओं की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
बांग्लादेश तक होती है पशुओं की सप्लाई
यहां से पशुओं को पश्चिमी बंगाल के पुरुलिया के रास्ते आसपास के क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों यहां तक कि बांग्लादेश तक तस्करों की पहुंच है। जिसमें कुछ स्थानीय लोगों की भी मिलीभगत शामिल है।
पदमपुर हाट से होती है पशुओं की खरीदारी
चक्रधरपुर सोनुआ रोड़ स्थित पदमपुर साप्ताहिक हाट में गुरुवार को गौवंशीय पशुओं का बड़ा बाजार लगता है, जहां आसपास के दलालों के अलावा पश्चिम बंगाल के खरीदार भी पहुंचते है। वही खरीदे गए पशुओं को अपने सिंडिकेट के माध्यम से रात के अंधेरे में दूसरे राज्यों में पहुंचा दिया जाता है।
आधार कार्ड लेकर कुचाई थाना पहुंचे लोग
गोवंशीय पशु की तस्करी झारखंड में पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन लगातार पशु की तस्करी हो रही है। शुक्रवार की सुबह से आधार कार्ड लेकर मुफ्त की मवेशी लेने के लिये ग्रामीणों की भीड़ कुचाई थाना के बाहर उमड़ी हुई हैं। बताते चले कि गुरूवार की देर रात्रि एसडीपीओ ने गुप्त सूचना पर 46 मवेशियों के कुचाई के कुदासाल गांव के समीप से पकड़ा था। जिसके बाद सभी मवेशियों को कुचाई थाना परिसर में रखा गया। लेकिन ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए पुलिस द्वारा अभी तक एक भी मवेशियों को किसी भी ग्रमीणों को नहीं दिया हैं। हालाकि मुफ्त की मवेशी लेने के लिये पशु तस्कर भी अपने अपने आदमी लगा रखा है।