खरसावां के सिमला में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर झारखंड में पुर्ण रूप से शराबबंदी का लिया संक्लप, शराबबंदी पर मानसिकता में बदलाव की जरूरत-विशुलाल
kharsawan खरसावां के सिमला स्थित लोकहित संस्था प्रशिक्षण केन्द्र में रविवार को श्रमजीवी महिला समिति जमशेदपुर, कर्मजीवी महिला संघ सिमला एवं लोकहित संस्था सिमला के द्वारा समान अधिकार, समान अवसर व समान शक्ति के तहत रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम के बीच अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। साथ ही झारखंड में पुर्ण रूप से शराबबंदी और शराब मुक्त समाज की स्थापना करने का संक्लप लिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का शुभआरंभ सिमला पंचायत के मुखिया विशुलाल मांझी, ग्राम प्रधान प्रवीर प्रताप सिंहदेव, लोकहित संस्था सिमला के अध्यक्ष कुंती बहन, सचिव अंगुर महतो, श्रमजीवी महिला समिति के रूबी प्ररवीन आदि के द्वारा दीप प्रज्जलीत कर किया। मौके पर श्री माझी ने कहा कि आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नही है। पुरूषो से महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चल रही है। बस जरूरत है उन्हे आगे बढने के लिए हौसला देने की। उन्होने ने कहा कि शराबबंदी के लिए सोच और मानसिकता बदलनें की जरूरत है। विशेष कर महिलाओं को अपनी सोच बदलने के लिए प्रयासरथ रहे। कडी मेहनत और लगन से प्रयास करे सफलता जरूर मिलेगी। उन्होने कहा कि नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधुरा है। ग्राम प्रधान श्री सिंहदेव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए ही नही, बल्कि सुदूर कस्बों और गांवों में भी होना चाहिए। जहां हमारे समाज में महिलाओं की आवाज को जोर से और स्पष्ट रूप से सुना जाना चाहिए। वही महिलाओं ने झारखंड में पुर्ण रूप से शराबबंदी और शराब मुक्त समाज की स्थापना का शपथ लिया। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उदेश्य, गतिविधिया, अल्पकालिक प्रभाव, दीर्घकालिक प्रभाव से अवगत कराया गया। साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर किता सरायकेला, रेवती शिशु शिक्षा निकेतन भग्डारीसाई सरायकेला एवं लोकहित सेवा स्कूल सिमला के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सास्कृतिक नृत्य, नाटक व भाषण देकर महिलाओं की वाह वाही लूटी।
लैंगिक न्याय सिर्फ महिलाओं का मुद्दा नहीं
है, बल्कि पूरे समाज से जुड़ा है- कुंती बहन,
लोकहित संस्था सिमला के अध्यक्ष कुंती बहन ने कहा कि आज भी कई महिलाएं हिंसा, भेदभाव और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। बदलाव धीरे-धीरे नहीं होना चाहिए बल्कि हमें अभी कदम उठाने होंगे। ताकि हर किसी को समान अधिकार, अवसर और सुरक्षा मिल सके। त्वरित कार्रवाईरू लैंगिक न्याय के लिए एक साथ उठना का मतलब है कि हमें जल्दी और मिलकर काम करना होगा। ताकि महिलाओं और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों को न्याय मिल सके। इसका उद्देश्य कानूनी सुधार, शिक्षा, कार्यस्थल में समानता और सुरक्षा जैसे जरूरी मुद्दों पर तुरंत ध्यान देना है।
महिलाओं को समान में तुरंत कदम उठाने की जरूरत-प्ररवीन
जमशेदपुर श्रमजीवी महिला समिति के रूबी प्ररवीन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान किया जाए। लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए और उनके अधिकारों की वकालत की जाए। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान को पहचानता है और भेदभाव, वेतन असमानता व लैंगिक हिंसा जैसी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व में महिलाओं को समान अवसर देने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत पर जोर देता है।
ये थै मौजूद
सिमला पंचायत के मुखिया विशुलाल मांझी, ग्राम प्रधान प्रवीर प्रताप सिंहदेव, लोकहित संस्था सिमला के अध्यक्ष कुंती बहन, सचिव अंगुर महतो, श्रमजीवी महिला समिति के रूबी प्ररवीन, केतन महतो, अहिभुषण ज्योतिषी, मुन्ना महाराणा, राजकुमार ज्योतिषी आदि मौजुद थे।