कुचाई में मागे महोत्सव-2025 पर गूंजे मांदर-नगाड़े, रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने किया नृत्य
हमारी संस्कृति को नई पहचान मिलती है-गागराई
Kuchai कुचाई के भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम में आदिवासी सामाजिक मंच कुचाई के द्वारा मागे महोत्सव-2025 का आयोजन किया गया। मागे महोत्सव में आदिवासी समुदाय के लोग अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साकार करते नजर आये.।रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे आदिवासी कलाकारों ने मांदर और नगाड़ों की थाप पर नृत्य प्रस्तुत किया। यह नृत्य और संगीत केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से वे प्रकृति के प्रति प्रेम, आपसी एकता और संस्कृति की अखंडता का संदेश दे रहे थे। हर थाप, हर लय में जल, जंगल, जमीन और आदिवासियत के अस्तित्व को बचाने की गूंज थी। जिसने पूरे क्षेत्र को उत्सव के रंग में रंग दिया। नृत्य के दौरान कलाकारों की मुद्राएं और भाव-भंगिमाएं इतनी आकर्षक थीं कि दर्शक भी मंत्रमुग्ध होकर ताल मिलाने लगे। इस मागे महोत्सव का विधिवत उदघाटन खरसावां विधायक दशरथ गागराई, जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने किया। मौके पर श्री गागराई ने कहा कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य हो समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और उनकी परंपराओं को जीवंत रखना है। इसके साथ ही विभिन्न आदिवासी समुदायों के बीच सामाजिक एकता और मैत्री को बढ़ावा देना भी इस आयोजन का लक्ष्य है। उन्होने कहा कि आदिवासी स्वशासन व्यवस्था बहुत ही मजबूत व सशक्त व्यवस्था है। इस पर समाज के तमाम लोगों को आस्था रखना चाहिए। साथ अपने समाज को आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका को अदा करना चाहिए। बिरसा मुंडा, पोटो हो, ताना भगत, बाबा तिलका माझी, सिदो-कान्हू आदि महापुरुषों ने जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया और समाज के अस्तित्व को भी बचाने का काम किया। इस काम को आगे बढाने के लिए युवाओ को आगे आने की जरूरत है। इस मागे महोत्सव में भाग लेने वाले पारंपरिक कलाकारों को सम्मानित किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां विधायक दशरथ गागराई, जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक दशरथ गागराई उपायुक्त रविशंकर शुक्ला जिला कृषि पदाधिकारी माधुरी टोपो परियोजना निदेशक विजय सिंह सांसद प्रतिनिधि मानसिंह मुंडा विधायक प्रतिनिधि अनुप सिंह देव भरत सिंह देव प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु चरण देवगम सीओ सुषमा सोरेन जिप जींगी हेंब्रम, प्रमुख गुड्डी देवी बीएओ लिमुनस हेंब्रम, बीटीएम राजेश कुमार, बीटीएम निरज श्रीवास्तव, बीपीएम रमेश द्विवेदी मुखिया करम सिंह मुंडा, राम सोय, लुदरी हेंब्रम, रेखा मनी उरांव, मंगल सिंह मुंडा, सरस्वती मिंज, धर्मेंद्र कुमार मुंडा, मुन्ना सोय, दशरथ उरांव, भवेश मिश्रा, कारू मुंडा आदि उपस्थित थे।
संस्कृति के सरंक्षण समाज का योगदान जरूरी-उपायुक्त
जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के सरंक्षण के लिए केवल सरकारी प्रयास ही काफी नहीं है बल्कि इसमें समाज का भी योगदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में जन्म देने वाली माँ, जन्म-भूमि, मातृ-भाषा और देश को कभी नहीं भूलना चाहिए। जनजातीय वर्ग प्रकृति को माता के रूप में पूजता है। यह जनजातीय परंपरा सभी के लिए अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। उन्होने कहा कि शिक्षा से ही समाज में जागृति और उन्नति आती है।