कुचाई के जुगीडीह में मना 5 वां वनाधिकार दिवस, पैड़-पोधे, पशु-पक्षी व वन संरक्षण का लिया संक्लप,जंगल प्राकृतिक मंदिर है, जिसका संरक्षण जरूरी है-गागराई
Forest Rights Day,कुचाई प्रखण्ड के अर्न्तगत जुगीडीह में वाल अखड़ा के साथ ग्राम सभा एवं सामुदायिक वन पालन समिति के द्वारा अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पंरम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006, नियम 2008, संसोधित नियम 2012 के तहत पांचवा वनाधिकार दिवस धुमधाम से मनाया गया। इस दौरान विभिन्न गांवो से पहुचे वनाश्रितों ने गांव के पश्चिमी छोर से पारपंरिक रीति रिवाज व नृत्य के तहत जुलूस निकालकर पूजा स्थल तक पहुचे। और विधि विधान से ग्रामीण पहान महेन्द्र के द्वारा पूजा अर्चना कर वनाधिकार दिवस मनाया। साथ ही पैड़-पोधे, पशु-पक्षी, वन, पहाड़, फल-फूल, जीविकोपार्जन व वन संरक्षण की रक्षा करने, जंगल पर हमार अधिकार, जीने का है वह आधार, जंगल-जैव विविधता का संरक्षण, हम करेगे, हम करेगे… के तहत वनो की कटाई रोकने, वन उपज का सही उपयोग करने, वन विभाग पर हमेशा निर्भर नही रहने, जंगल में किसी प्रकार का शिकार नही करने का संक्लप लिया।
इस वनाधिकार दिवस में पहुंचे खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि सरकार ने जंगलों पर संरक्षण, पुनुरुज्जीबित, उपयोग और प्रबंधन करने का वनाधिकार पटटा निर्गत किया है। जंगल एक प्राकृतिक मंदिर है। जिसका संरक्षण करना जरूरी है। स्वच्छ हवा तथा जल वायु परिवर्तन को संतुलन बनाए रखने के लिये जंगल बचाना अनिवार्य है। वही सामुदायिक वन पालन संस्थान के सोहन लाल कुम्हार ने कहा कि ग्राम सभा को सरकार ने वनाधिकार कानून 2006 के तहत बर्ष 2020 को कुल 163 एकड़ 18 डीस्मिल वन भूमियों पर सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण, संवर्धन, पुनुरुरुज्जीवित, उपयोग और प्रबंधन करने का सामुदायिक वनाधिकार प्रमाण पत्र निर्गत किया है। उन्होंने कहा कि जंगल मानव समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जंगल के उपलब्धता के कारण ही वैश्विक परिस्थितियां संतुलन वना रहता है। जंगलों में कई किस्मों के जैवविविधताएं रहते हैं। जिनके साथ मानवों का घनिष्ठ सम्बन्ध है। जंगलों के कारण ही आज हमे शुद्ध आक्सीजन (प्राणवायु) मिल रहा है। जंगलों के विनाश के कारण आज कफी तेजी के साथ जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जबकि भरत सिंह मुंडा ने कहा कि जंगल है तो जीवन है। जंगल है तो हम स्वास्थ्य है। सुखराम मुंडा ने कहा कि जंगल आदिवासियों तथा मूलवासियों के लिए मंदिर तथा औषधालय है। जो हमारा पहचान और स्वास्थ्य जीवन प्रदान करता है। टेने मुंडा ने कहा कि जंगल का संरक्षण नवजात बच्चों के जैसा करना चाहिए क्योंकि जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके। इस कार्यक्रम में ग्राम सभा अध्यक्ष गणेश भूमिज, रामकृष्ण मुण्डारी(टेने) , सुखराम मुंडा, सोहन लाल कुम्हार, भरत सिंह मुंडा, वनवासी लाल सोय, कैराना जामुदा, आशोक मानकी, राम सोय ,राजेश भूमिज, रुईदाश भूमिज, मनोज मुदुईया, बोध सिंह, लखीराम चित्रकला, रुईदाश भूमिज, मुना सोय, राहुल सोय, गौरांग चित्रकला, मंगल सिंह भूमिज आदि उपस्थित थे।