तीन शैलियों का अद्भुत संगम कला की सुरभि बिखरने में सफल रहा छऊ फेस्टिवल
- Chhau Festival-2024 पूर्वी क्षेत्र केंद्र कोलकाता, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित दो दिवसीय छऊ फेस्टिवल में झारखंड के तीन प्रसिद्ध छऊ शैलियों का अद्भुत संगम नजर आया। छऊ की छटा में खरसावां की दो शाम रंगीन रही। छऊ की सुरभि से दर्शक ओत प्रोत होते रहे।
छऊ नृत्य कला केंद्र खरसावां के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में सरायकेला, खरसावां एवं मानभूम छऊ शैलियों की विख्यात नृत्य दलों ने हिस्सा लिया। प्रथम रात्रि को आचार्य छऊ नृत्य विचित्रा, संगम परफॉर्मिंग आर्ट सेंटर, छऊ सेंटर, खरसावां और पटमदा के नृत्य दलों ने जहां छऊ की छटा बिखेरी वहीं दूसरी रात्रि को केदार आर्ट सेंटर, भवेश छऊ दल, खरसावां, लोक कला मंच, मानभूम के नृत्य दलों ने भव्य प्रस्तुति दी। इस नृत्य कार्यक्रम में वर्षों से बंद पड़े छऊ ऑडिटोरियम को एक जीवन मिला। बता दें कि छऊ नृत्य के लिए बना यह मंच बरसों से कलाकारों की तलाश कर रही है। भारी संख्या में उपस्थित दर्शकों ने इस कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की और ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विशेष कर पूर्वी क्षेत्र संस्कृति केंद्र कोलकाता, संस्कृति मंत्रालय का आभार प्रकट किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के गवाह बने पद्मश्री छुटनी महतो, उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार, खरसावां राजघराने का राजा गोपाल नारायण सिंह देव, रानी साहिबा, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी गुरु तपन कुमार पटनायक और गुरु बृजेंद्र पटनायक,गुरु कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी, गुरु सुशांत महापात्र, गुरु रंजीत कुमार आचार्य, गुरु विजय साहू, गुरु परमानन्द नंदा, समाज सेवी रविन्द्र मंडल, लखनऊ राजघराने की राजमाता सहित हजारों दर्शक। भारी संख्या में उमड़ी महिलाओं की भीड़ और कला प्रेमी लोगों ने वर्षों बाद इस मंच पर छऊ कला के आयोजन के लिए हर्ष प्रकट किया।