सरायकेला के जगन्नाथपुर मे गोकुलधाम में पंचम दिवसीय हरिवंश कथा का श्रद्धापूर्वक एक आध्यात्मिक पूर्णाहुति के साथ संपन्न,हरिवंश पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है,
Organizing Harivansh Katha
सरायकेला प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर के गोकुलधाम में पंचम दिवसीय हरिवंश कथा का श्रद्धापूर्वक एक आध्यात्मिक आयोजन का आज समापन हुआ। पंडित रमानाथ होता ने विधिवत कलश स्थापना कर कार्यक्रम की शुरुआत की एवं आज विधिवत पूर्णाहुति की। इस अवसर पर जिला परिषद के अध्यक्ष सह भाजपा प्रत्याशी सोनाराम बोदरा भी शामिल हुए।
आयोजनकर्ता बसंत प्रधान ने बताया कि हरिवंश कथा भगवान विष्णु का कृष्ण के रूप में जन्म वृत्तांत को बताता है। जिसमें कंस का देवकी के पुत्रों का वध से लेकर कृष्ण के जन्म लेने तक की संपूर्ण कथा समाहित है। उन्होंने व्यास पीठ से कथा करते हुए भगवान कृष्ण की ब्रज यात्रा के बारे में विस्तार पूर्वक श्रोताओं को श्रवण कराया। जिसमें कृष्ण की बाल लीलाओं का मधुर वर्णन किया गया । इसमें धनुकासुर वध, गोवर्धन उत्सव का विस्तार पूर्वक पाठ किया गया। व्यास पीठ से दिनेश प्रधान ने बताया कि हरिवंश पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है। यह भगवान विष्णु के जीवन और कार्यों से जुड़ा हुआ है । इसमें भगवान विष्णु के कृष्ण के रूप में जन्म, उनके बचपन की लीलाएं धनुकासुर वध, गोवर्धन उत्सव कंस की मृत्यु और कृष्ण और नंद यशोदा के मिलन जैसी कई सारी कहानियों के माध्यम से श्रवण कराया। आगे बताया कि इस पुराण में करीब 16000 श्लोक है, जिसे तीन भागों में बांटा गया है। हरिवंश पर्व, विष्णु पर्व और भविष्य पर्व।
वहीं व्यासपीठ से राधाकांत प्रधान ने बताया कि हरिवंश पुराण का पाठ करने से भगवान कृष्ण की असीम कृपा मिलती है और जीवन सुखमय बनता है। इस हरिवंश कथा को अपने मुखारविंद से अजीत प्रधान ने भी श्रवण कराया और उन्होंने बताया कि हरिवंश पुराण को अधिकांश लोग पुत्र प्राप्ति की कामना से हरिवंश कथा का श्रवण करते हैं । वहीं कृष्ण कुमार प्रधान ने व्यास पीठ से बताया कि हरिवंश कथा का श्रवण करने से बहुत पूण्य मिलता है। इसलिए श्रद्धापूर्वक इसका श्रवण हम सभी को करना चाहिए। मौके पर भारी संख्या में ग्रामवासी एवं आसपास के गांव से भारी तादाद में स्त्री पुरुष बच्चे आकर के कथा का आनंद लिया। इस पांच दिवसीय कथा का आयोजन कार्तिक महीने में होने के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। कार्तिक महीना के कारण ही काफी संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इसे सुसम्पन कराने में समस्त ग्रामवासी का सहयोग सराहनीय रहा। इस तरह की आयोजन के लिए श्रोताओं ने भूरी भूरी प्रशंसा अपने शब्दों में करते हुए सरायकेला खरसावां के प्रसिद्ध कारीगर हिरेन बाबा के द्वारा पकाई गई खिचड़ी व खीर भोग को लोगों ने भंडारा के रुप में ग्रहण कर पुण्य के भागी बने। इस दौरान मुख्य रूप से हाडि़या प्रधान, पंचानन महतो, हिमांशु प्रधान, देवदत्त प्रधान ,अर्जुन प्रधान ,हेमसागर प्रधान,वशिष्ठ प्रधान, सहदेव सरदार ,दामोदर प्रधान ,हेमंत प्रधान, सुदर्शन ग्वाला,शम्भू नाथ प्रधान,सुसेन प्रधान, संतोष ग्वाला ,मिहिर प्रधान, दीपक प्रधान, राजेंद्र प्रधान ,गुणाधर प्रधान ,सत्य मंडल, कमलेश प्रधान समेत काफी संख्या में स्त्री पुरुष व बच्चे मौजूद थे।