खरसावां के आस्था व विश्वास के प्रतिक जय मॉ
आकर्षिणी मंदिर में पूजा अर्चना शुरू, मांगे बुरू पर पारंपरिक
तरीके से आदिवासी समुदाय के स्त्री-पुरूष ने किया नृत्य
kharsawan खरसावां के आस्था व विश्वास के प्रतिक जय मॉ आकर्षिणी मंदिर में बुरू मांगे के साथ पूजा अर्चना शुरू हो गई। आकर्षिणी पहाडी पर स्थित विशाल चटटान के उपर खरसावां के चिलकु, हाडीसाई, बदिराम सहित 14 मौजा सैकडों की संख्या में आदिवासी समुदाय के पुरूष व महिलाओं एकत्रित होकर पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना किया। मंदिर में पूजा अर्चना का निर्वाहन नारायण सरदार के द्वारा किया गया। इसी के साथ मॉ आकर्षिणी मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो गई।
आकर्षिणी मंदिर में आज से पूजा अर्चना शुरू हो चुका है। आकर्षिणी मंदिर के पुजारियों के विवाहित सात महिलाओं (सात बहन) के द्वारा को सुबह घरों में शोम रस की स्थापना नये सात हडियों के साथ किया गया। अगले दो दिनों तक पुर्ण रूप से विश्राम के लिए मॉ आकर्षिणी देवी को छोडा दिया गया। इसके पश्चात बुरू मांगे के दिन शोम रस का प्रसाद चढाया गया। आदिवासी समुदाय के पुरूष-महिलाओं व लडके-लडकियों ने पारम्परिक विधि विधान के साथ शोम रस का प्रसाद ग्रहण कर पारम्परिक नृत्य किया। साथ ही मॉ आकर्षिणी देवी को प्रसन्न किया। इसके साथ ही वार्षिक पूजा अर्चना का शुभआरंभ किया। मॉ आकर्षिणी मंदिर में मकर संक्राति पर आकर्षिणी पहाडी में पूजा अर्चना कर त्योहार मनाया जाता है। जबकि 15 जनवरी को नव वर्ष की शुभ यात्रा आखान यात्रा के साथ होगी। इस यात्रा में झारखण्ड, बिहार व उडीसा राज्य से सैकडो की संख्या में श्रद्वालुओं भाग लेते है। इस पूजा अर्चना में झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकू, जिप कालीचरण बानरा, प्रमेन्द्र कुमार मिश्रा, रामजी सिंहदेव, मनोज सोय, राम सिंह आदि भी शामिल हुए।