कुचाई मे बैशाख संक्रांति पर श्रद्धाओ ने नंगे पांव दहकते अंगारों पर चलकर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था
जताई और पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की,
kuchai कुचाई (Satyendra kumhar) मे भक्तों ने बैशाख संक्रांति पर नंगे पांव दहकते अंगारों पर चलकर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था जताई और पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। शव भक्तों ने जलती अंगारों पर नंगे पाव चलकर अपने भक्ति भाव का प्रदर्शन किया। अंगारों में बडें बुजूर्ग ही नही नन्हे भक्तों ने जलते अंगारों पर चल भगवान भोलेनाथ की जकारें लगाते हुए भक्ति का परिचय दिया। कुचाई शिव मंदिर में बैशाख संक्राति पर विधि-विधान से पुजारी ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
इसके पूर्व भक्तों ने कुचाई के सोना नदी घाट से भगवान की आराधना कर कलश यात्रा निकाली, जो विभिन्न मार्गों से होती हुई कुचाई शिव मंदिर पहुंची। मंदिर में कलश की स्थापना कर पूजा-अर्चना प्रारंभ की गयी। मालूम हो कि कुचाई शिव मंदिर की स्थापना 1817 में की गई थी। वहीं, मंदिर का नवनिर्माण 1994 में स्थानीय लोगों के सहयोग से किया गया था। भगवान शिव की पूजा-अर्चना के दौरान कुचाई में मेला सह छऊ उत्सव का भी आयोजन किया गया। दिन भर भक्तों ने मेला का आनंद उठाया। वहीं, रात में छऊ नृत्य का आनंद लिया। छऊ कलाकारों ने गणेश बंदना, शिव बंदना, कालिया दमन, मथुरा गमन, सीता हरण, सेतु बंधन, हरिश्चंद्र के दान आदि नृत्य की भव्य प्रस्तुति दी। मेला में शांति व विधि-व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन के साथ-साथ पूजा में मुख्य रूप से पुजारी गोपाल चन्द्र तिवारी, सूरज तिवारी, सुजान सिंह सोय, गोपी सोय, विष्णु सोय, दिनेश महतो, लालबिहारी महतो, अक्षय महतो, विष्णु महतो, सामु सोय आदि उपस्थित थे।