गोवा फेस्टिवल-2025 में कुचाई के कलाकारों ने छऊ नृत्य में
बिखरा जलवा, शिकारी व माया बंधन नृत्य पर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
Goa कुचाई के छऊ नृत्य दल मरागंहातु नीचे टोली की टीम गोवा फेस्टिवल-2025 में कुचाई के कलाकारों ने गोवा के लोगों को झारखंड की संस्कृति और परंपराओं से रू-ब-रू कराया। झारखंड के जनजातीय समुदायों में प्रसिद्व शिकारी नृत्य है। अपनी कला का भव्य प्रदर्शन किया। पूजा परम्परा पर आधारित नृत्यों की भव्य प्रस्तुती से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
साथ ही छऊ की छटा बिखरे। इस दौरान झारखंड के शिकार पर्व पर आधारित शिकारी नृत्य के साथ साथ पौराणिक गाथा पर आधारित माया बंधन नृत्य और कृष्ण जन्म नृत्य की भव्य प्रस्तुति हुई। कुचाई के कलाकरों ने खरसावां छऊ शैली का प्रसिद्व शिकारी नृत्य की भव्य प्रस्तुती देकर यह दर्शाया कि हम अपनी प्राचीन परंपराओं का निर्वाह कर भी वन्य पशुओं की सुरक्षा कर सकते है। इसके अलावे प्रसिद्व माया बंधन नृत्य कुचाई कलाकारों ने यह दर्शाया कि मानिनी राधा को यह गुमान है कि वह सांसारिक मोह माया से दूर है। उसे संसार की कोई ताकत अपने बंधन में नही बांध सकती स्वंय भगवान श्रीकृष्ण भी नही…। राधा के इस भ्रम को श्रीकृष्ण तोड़ना चाहते है। इसी प्रकरण से राधा को यह अहसास हो जाता है कि राधा का अस्तित्व श्रीकृष्ण के बिना कुछ भी नही…। राधा और कृष्ण तो एक दुसरे के र्प्याय है। कलाकारों की टीम में उस्ताद नंद लाल कुम्हार, प्यारे लाल कुम्हार, दशरथ कुम्हार, लुकेश कुम्हार, अरुण कुम्हार, मांगता मुंडा, गोपीनाथ मुंडा, मंगल कुम्हार, मिलन कुम्हार, विवेक कुम्हार, सुनील सोय, राहुल सोय, रघुनाथ गोप, ठाकुर मछुआ शामिल थे।