खरसावां के चिलकू में चैतपर्व पर हुई सांस्कृतिक
छऊ नृत्य, कलाकारों ने दी भव्य प्रस्तुती, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
खरसावां का छऊ नृत्य संस्कृतियों का संगम है-मुखिया
kharsawan खरसावां प्रखण्ड के चिलकु में चैतवर्प के अवसर पर चिलकू वासियों के द्वारा सांस्कुतिक छऊ नृत्य का आयोजन किया गया। सांस्कुतिक छऊ नृत्य कार्यक्रम का शंुभआरंभ खरसावां उप प्रमुख ज्योत्सना मंडल, चिलकू मुखिया सबिता मुंड़ारी, ग्राम प्रधान हरेमोहन महतो, वार्ड सदस्य शम्भू नाथ मंडल सहित ग्राम वासियों के द्वारा छऊ गुरू स्वंगीय महिन्द्रर महतो एवं छऊ गुरू स्वंगीय गोईनु मुंड़ारी के चित्र पर श्ऱद्वाजंलि देकर किया गया।
मौके पर श्रीमति मुंडारी ने कहा कि छऊ खरसावां की जीवन रेखा है। छऊ नृत्य की कला परंपरा युगों युगों से चली आ रही है। खरसावां का छऊ नृत्य संस्कृतियों का संगम है। जो दूर दूर तक फैली है। इसकी महत्ता बनाए रखे। तभी कला का विकास संभव है। सांस्कुतिक छऊ नृत्य का शुभआरंभ गणेश वंदना नृत्य के साथ किया गया। इस सांस्कुतिक छऊ नृत्य कार्यक्रम में शिव शक्ती छऊ नृत्य दल नीचे टोला चिलकु एवं हर हर महादेव छऊ नृत्य दल उपर टोला चिलकु के कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत अभिमन्यु वध, गणेश वंदना, जय माता जी, शिव भक्त, पशुराम, नागीन, विष्मा स्हसज्जा, शोले, हमसे ना टकराना, महिसासुर वध, माया शबरी, रामलीला, शिव रात्री, शिकारी आदि नृत्य की भव्य प्रस्तुती देकर दर्शको मंत्रमुग्ध दिया। वही पूरी रात दर्शक छऊ नृत्य का लृफ्त उठाते रहे। इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां उप प्रमुख ज्योत्सना मंडल, चिलकू मुखिया सबिता मुंड़ारी, ग्राम प्रधान हरमोहन महतो, वार्ड सदस्य शम्भूनाथ मंडल, बलभ्रद महतो, रासबिहारी मंडल, रथो मंडल, राजकुमार सरदार, महेश्वर मंडल, सालीग्राम मंडल, कमलेश मुंड़ारी, दिपक नायक, विमल गागुली, बाबूधनो कालिंदी, राजेश मुंडारी, संजीत मंडल, कुकलू गांगुली, लक्ष्मण गागुली आदि लोगों उपस्थित थे।