चेन्नई के तंजावुर के सलंगई नाधम महोत्सव मे खरसावां के कलाकारों की झारखंड की पारंपरिक मर्दानी झूमर की भव्य प्रस्तुति, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
Kharsawan भारत की विविध कलाओं के रंग संजोए गए हैं। नृत्य, संगीत और नाटक में भारतीय समृद्धि को उनकी मर्मस्पर्शी गरिमा से प्रस्तुत करना भी एक कला ही है। इसी के तहत दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तंजावुर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा चेन्नई के तंजावुर मे आयोजित सलंगई नाधम महोत्सव मे खरसावां के कलाकारों की झारखंड की पारंपरिक मर्दानी झूमर की भव्य प्रस्तुति देकर झारखंड की संस्कृति और परंपराओं से रू-ब-रू कराया।
झारखंड के जनजातीय समुदायों में प्रसिद्व झारखंड की पारंपरिक मर्दानी झूमर कला का भव्य प्रदर्शन किया। खरसावां छऊ नृत्य कला केन्द्र के 15 कलाकारों की एक टीम चेन्नई के तंजावुर मे आयोजित सलंगई नाधम महोत्सव मे पारंपरिक मर्दानी झूमर पेश कर चेन्नई समेत देशवासियों को झारखंडी मर्दानी झूमर पर झूमने को मजबूर कर दिया। चेन्नई में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के कई अन्य राज्यों के प्रसिद्ध कलाकारों ने भी हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में झारखंड खरसावा के कलाकारों के समूह के साथ कार्यक्रम पेश किया। कार्यक्रम के दौरान झारखंड की प्रस्तुति पर कलाप्रेमियों ने भरपूर प्यार लुटाया।
इस कार्यक्रम में अपने राज्य की भाषा संस्कृति पर आधारित पारंपरिक मर्दानी झूमर की प्रस्तुति दी। साथ ही अपनी कला के माध्यम से कलाकारों में हमारे तिरंगे को ऊंचा रखते हैं। अपने डिस्प्ले पिक्चर को राष्ट्रीय ध्वज में बदलकर और दुनिया को यह दिखाया। कलाकारों की टीम मे छऊ गुरू तपन पटनायक, गुरु मो दिलदार, कमल महतो, बसंत गतायत, सुदीप घोडाई, सूरज हेंब्रम, एजेल केसरी आदि कलाकार शामिल थे।