खरसावां के जोजोकुड़मा में चैतपर्व पर हुई सांस्कृतिक
छऊ नृत्य, कलाकारों ने दी भव्य प्रस्तुती, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध,
छऊ नृत्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर है-गागराई
kharsawan खरसावां प्रखण्ड के जोजोकुड़मा में चैतवर्प के अवसर पर छऊ नृत्य कला मंदिर समिति के द्वारा एक दिवसीय सांस्कुतिक छऊ नृत्य का आयोजन किया गया। सांस्कुतिक छऊ नृत्य कार्यक्रम का शंुभआरंभ खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने किया।
मौके पर श्री गागराई ने कहा कि छऊ नृत्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इसे बचाए रखना हम सबकी जिम्मेवारी है। झारखंड में कला को बचाए रखने के लिए छऊ कलाकारों का सराहनीय योगदान है। उन्होने कहा कि छऊ खरसावां की जीवन रेखा है। छऊ नृत्य की कला परंपरा युगों युगों से चली आ रही है। खरसावां का छऊ नृत्य संस्कृतियों का संगम है। जो दूर दूर तक फैली है। इसकी महत्ता बनाए रखे। तभी कला का विकास संभव है। इस सांस्कृतिक छऊ उत्सव में छऊ नृत्य पिताकलंग और छऊ नृत्य कला मंदिर जोजोकुड़मा के छऊ कलाकारों ने गणेश वंदना नृत्य के साथ किया गया। इस सांस्कुतिक छऊ नृत्य कार्यक्रम में पौराणिक कथाओं पर आधारित गणेश वंदना, कश्मीर कली, सुभद्रा हरण, महिषासुर वध, राधा कृष्ण, शिकारी, अभिमन्यु वध, जय माता जी, शिव भक्त, आदि नृत्य की भव्य प्रस्तुती देकर दर्शको मंत्रमुग्ध दिया। वही पूरी रात दर्शक छऊ नृत्य का लृफ्त उठाते रहे। इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां विधायक दशरथ गागराई, सुकरा महतो, बुधराम जामुदा, सुशील गागराई, यशवंत प्रधान, केदार प्रधान, दशरथ महतो, लखींद्र बेसरा, विश्वामित्र महली, मुरारी महतो, मनोज महली, मनहरी महली, आदि उपस्थित थे।