सरायकेला में पांच दिवसीय गीता यज्ञ अनुष्ठान कलश
यात्रा के साथ शुभारंभ, पवित्र कलश यात्रा हमारी वैभवशाली
सनातनी आध्यात्मिक जागृति का शंखनाद है-मनोज चौधरी
seraikella सरायकेला विश्व कल्याण निमित्त प्राचीन रामबाबा आश्रम (बाना टांगरानी) में पिछले 68 वर्षों से संचालित पांच दिवसीय गीता यज्ञ अनुष्ठान कलश यात्रा के साथ शुभारंभ आश्रम के महंत चंदन बाबा ने बताया कि ओडिशा चण्डीखोल के विद्वान विप्रजनों द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा विधि विधान से कलश का पुजन कराया, धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश में सभी देवी देवताओं का वास होता है कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है।
प्राचीन धार्मिक सनातनी परंपरा अनुसार किसी भी मंगल कार्य की शुरुआत करते समय सर्वप्रथम कलश की स्थापना की जाती है। पवित्र कलश यात्रा हमारी वैभवशाली सनातनी आध्यात्मिक जागृति का शंखनाद है, कलश का पवित्र जल इस बात का संकेत हैं कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही शीतल, स्वच्छ एवं निर्मल बना रहें। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना एवं सरलता से भरे रहे। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईर्ष्या और घृणा आदि कुत्सित भावनाओं से हमेशा हमें दूर रखें। कलश यात्रा नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, पंचानन राऊत, भागीरथी परीक्षा, सरोज प्रधान विजय लाल सहित सैकड़ो श्रद्धालुओं शामिल हुए।