खरसावां में जिम्मेंदारो की अनदेखीः सड़क के किनारे
साप्ताहिक बाजार से लगता है जाम, दुर्घटना की आशंका
सड़क किनारे ही दुकान सजाकर बैठ जाते हैं ग्रामीण
Kharsawan
खरसावां में गुरूवार साप्ताहिक बाजार सड़क किनारे लग रहा है। सड़क के किनारे ही बाजार की दुकानें सजती हैं और ग्राहकों की भीड़ सड़क पर होती है। इधर सड़क पर लगातार भारी वाहनों का आवागमन लगा रहता है। ऐसी स्थिति में सड़क पर लग रहे बाजार में हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। हैरानी की बात है कि सड़क किनारे लग रही दुकानों को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। खरसावां-आमदा और खरसावां-कुचाई मुख्य मार्ग पर बाजार लगने के कारण बाजार वाले गांव में जाम की स्थिति भी निर्मित होती है। जिन जगहों पर बाजार लगता है, वहां वाहनों की कतार लग जाती है। कई बसें निर्धारित वक्त पर गंतव्य तक नहीं पहुंच सकती है। इस सड़क पर वाहनों की रफ्तार 60 से 70 किमी प्रतिघंटा होती है। चारपहिया वाहनों की रफ्तार इससे भी ज्यादा है। रफ्तार वाली सड़क किनारे ही साप्ताहिक बाजार लग रहा है।
सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं
सड़क किनारे लगने वाल साप्ताहिक बजार में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। नजदीकी थाना व चौकियों से बाजार वाले स्थल पर एक सिपाही तक बाजार स्थल में नहीं भेजा जाता है। सड़क के दोनों किनारों पर दुकान सजने से दो भारी वाहनों को साइड लेने की जगह नहीं बचती है। ऐसी स्थिति में सड़क पर जाम लगता है। जाम में गाड़ियों को निकलवाने का काम भी स्थानीय लोग या वाहन चालक हेल्पर करते हैं। जाम खुलवाने के लिए पुलिस की व्यवस्था नहीं होने से कई बार आधे घंटे से भी अधिक वक्त तक जाम लगा रहता है।
वर्षों से लग रहे बाजार, सुविधाएं कुछ भी नहीं
खरसावां साप्ताहिक हाट आजादी के पहले से हो रहा है। वर्ष 2016 से खरसावां साप्ताहिक हाट का स्थानांतरण खरसावां चांदनी चौक के समीप किया गया है। खरसावां साप्ताहिक हाट का स्थानांतरण जबसे हुआ है। तब से खरसावां-आमदा और खरसावां-कुचाई सड़क किनारे लग रहा है। तब से सड़क पर जाम लगता और इतने दिनों में संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा बाजार में कोई सुविधाएं नहीं दी गई हैं।