खरसावां में एनडीआरएफ की टीम ने दिया प्रशिक्षण, ब्लड
रोकने, सीपीआर, हृदय गति निपटने के बताए तरीके,
Training given to deal with disaster, training given खरसावां मुख्यालय के सभागार में मंगलवार को 9 बटालियन एनडीआरएफ की टीम के द्वारा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के आपदा से निपटने के लिए ब्लोक और अंचल कर्मियों को तत्काल रीलिफ कार्य करने की प्रशिक्षण दी। एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर विशाल कुमार जयसवाल एवं सर्किल इंस्पेक्टर संजय महतो, उतम कुमार, प्रदीप कुमार एवं हिम्मत सिंह ने ब्लोक और अंचल कर्मियों को विभिन्न प्रकार के रीलिफ कार्य की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया। प्रशिक्षण में ब्लड रोकने, सीपीआर, स्ट्रेचर बनाने की विधि, हृदय गति को पुर्नजीवित करने की विधि, दुर्घटना में घायल वाले की मदद करने एवं जहरीले सांप डसने पर उसके जहर से बचने की विधि की विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
प्रशिक्षण में श्री जयसवाल ने बताया कि हृदयगति रुकने पर हृदय गति को पुनः जीवित किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति की हृदयगति रुक जाती है तो हल्के हाथों से उसके सीने को दबाए और जरूरत पड़ने पर मुंह से सांस दें। ऐसा करने से उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने दुर्घटना में घायल वाले की मदद कैसे की जाए, इसका प्रदर्शन करके दिखाया। बताया कि यदि स्टेचर नहीं है और घायल को अस्पताल तक ले जाना है तो कैसे स्टेचर तैयार करें। पानी में डुबे व्यक्ति को सीपीआर करने की विधि बताया कहा कि जो व्यक्ति पानी पिया हो उसे आगे झुका कर नाभी के पास अंगुठा दबाना है, या जमीन पर लेटाकर पैर मोड़कर दबाने से पेट से पानी बाहर आ जाएगा। स्नेक बाइट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जहरीला सांप के काटने से नर्व सिस्टम काम करना बंद कर देता है। सांप के काटने पर उस व्यक्ति को काटे स्थान पर साफ पानी से धोकर जल्द से जल्द उस व्यक्ति को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना है किसी भी अंधविश्वास के भरोसे नही रहना है या झाड़फूक के चक्कर में नही पड़ना है। जागरूकता की कमी और अंधविश्वास के कारण सांप काटने से भारत में ज्यादा लोगों की मौत होती है। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि कभी भी खड़ा होकर पानी ना पियें, इससे किडनी पर असर पड़ता है और घुटनों में दर्द होने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में 5-6 लीटर रक्त होता है। उन्होंने कहा कि हाथ में कहीं कट हो जाए तो किसी कपड़े को लेकर 5 मिनट तक दबा कर रखें या हाथ को ऊपर की और उठा कर रखें, इससे रक्त का दबाब कम होगा और रक्त का बहाव रूक जाएगा। इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, बीडीओ प्रधान मांझी, एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर विशाल कुमार जयसवाल एवं सर्किल इंस्पेक्टर संजय महतो, उतम कुमार, प्रदीप कुमार एवं हिम्मत सिंह, नाजीर सुनील किस्कू, जमाल अंसारी, सहायक अभियंता आसुतोष श्रिवास्तव सहित काफी संख्या में कनिया अभियता, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक व बलोक व अचंल कर्मी उपस्थित थे।