सरायकेला के ताबलापुर में सात दिवसीय भागवत
कथा में भगवान कृष्ण की लीलाओं का किया बखान, कलियुग
के आगमन को लेकर सुनाई कथा, उमड़ी भीड
Bhagwat Katha सरायकेला प्रखंड के ताबलापुर में सात दिवसीय धार्मिक चेतना जागृत कार्यक्रम भागवत सप्ताह में भगवान कृष्ण की लीलाओं का बखान किया गया। ओडिशा के पुरी धाम से आए प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित गौरहीर दास द्वारा भगवान कृष्ण की कथाओं का वर्णन किया गया। कथा में भगवान कृष्ण की लीलाओं का बखान करते हैं हुए उनके 10 अवतारों के बारे में बताया गया। इसके अलावे राजा परीक्षित के अभिशाप से लेकर कलियुग के आगमन को लेकर कथा सुनाई।
उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित, शमीक ऋषि से पीने के लिए पानी मांगते हैं, लेकिन ऋषि ध्यान में थे इसीलिए वह राजा की बात का कोई उत्तर नहीं देते हैं। राजा परीक्षित के सर पर स्वर्ण मुकुट पर विराजमान कलयुग के प्रभाव से राजा ने इसे अपना अपमान समझा। गुस्से के कारण राजा परीक्षित उनके गले में मरा हुआ सांप डाल देते हैं। पंडित दास ने कलयुग के आगमन को लेकर कथा सुनाते हुए कहां की स्वर्ण मुकुट में कलयुग के विराजमान रहने के कारण उन्होंने ऋषि का अपमान किया था। ऋषि पुत्र ने अपने पिता के अपमान पर राजा परीक्षित को यह श्राप दिया कि सात दिन में नागराज तक्षक उन्हें डस लेंगे और उनकी मौत हो जाएगी। श्राप के कारण राजा को सात दिन के बाद नागराज तक्षक ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई। राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद से ही कलियुग की शुरुआत मानी जाती है। भागवत कथा के पहले दिन सैकड़ो भक्तों ने भाग लेकर भागवत कथा का श्रवण किया। कथा प्रत्येक दिन शाम 6‐30 बजे से रात 9‐30 बजे तक चलेगी। कार्यक्रम के सफल आयोजन में स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका है।