खरसावां के प्रर्सिद्व पदमपुर मेला में लगभग एक लाख भक्तों ने की मां काली की पूजा-अर्चना
Padampur Fair of Kharsawan खरसावां के आस्था व श्रद्वा के प्रतीक प्रर्सिद्व तेलीसाई पदमपुर स्थित मां काली मंदिर में विभिन्न राज्यों से पहुचकर श्रद्वालुओं ने मां काली की पूजा-अर्चना की गई। सात दिनों तक चलने वाली पूजा-अर्चना में प्रतिदिन श्रद्वालुओं का तांता लगा रहा। यहा पूजा-अर्चना मां काली की प्रतिमा के विसर्जन के साथ संपन्न हो गया। इस वर्ष विभिन्न राज्यों से पहुंचे लगभग एक लाख भक्तों ने माता काली के दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
साथ ही हजारों भक्तों ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर मां काली के दरबार में बकरे की बलि दी। छठे व सातवे दिन मां काली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का खरसावां, कुचाई, राजनगर, खूंटपानी, सरायकेला, गम्हारिया, चक्रधरपुर, चाईबासा, बड़ाबम्बो सहित पूरे झारखंड, बिहार, ओडिशा से आना जारी रहा। पदमपुर तेलीसाई में देवी की स्थापना 1897 में कर पूजन प्रारंभ किया गया था। यह मेला प्रत्येक वर्ष काली पूजा के अवसर लगता है। लोगों का विश्वास है कि सच्चे मन से देवी मां काली के दरबार में जो भी भक्त मांगता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर लोग बकरे की बलि चढ़ाकर देवी को प्रसन्न करते हैं। पदमपुर काली मेला में भक्तों के मनोरंजन के लिए आदिवासी डामा, सर्कस, बुग्गी बुग्गी, आसमानी झुला, मौत का कुआ, चादं तारा झुला, छोटा झुला, फाटो स्टुडियो, चाट स्आल, खिलोने की दुकान, मुर्गा पाडा, मनिहारी दुकान, चुडियो की दुकान, का्रसमेब्कि की दुकान, चप्पल जुते की दुकान, गुडा गुडियो की दुकान, नाव झुला, आदि लगा है। इस तरह पदमपुर तेलीसाई मेला छिटपुट घटनाओ के बीच मां काली के विसर्जन के साथ शांतिपूर्ण ढंग से पजा-अर्चना संपन्न हो गया।